1. सामाजिक समरसता
अपने वैचारिक क्रांति के माध्यम से एक समाज का निर्माण कर सामाजिक भाव पैदा कर सामाजिक समरसता का कार्य करेंगे और कराएंगे
2. सामाजिक आर्थिक उत्थान
युवकों और युवतियों में कौशल विकास कर स्वरोजगार के माध्यम से सामाजिक आर्थिक उत्थान करेंगे /कराएंगे
3. ईश्वर और धर्म को मूल स्वरूप में लाना
आध्यात्मिक चिंतन और आध्यात्मिक चेतना जागृत कर ईश्वर और धर्म को मूल स्वरूप में लाने का कार्य करेंगे और कराएंगे और अपनी उपलब्धियों का श्रेय ईश्वर को समर्पित कर अपना जीवन सफल करेंगे और कराएंगे
ये हिंदू, इस्लाम ,यहूदी, पारसी, सिख, बौद्ध, जैन, क्रिश्चियन,(ईसाई) इत्यादि में सबके सब धर्म नहीं है? ये सबके सब एक धार्मिक संस्थाएं हैं जो मनुष्य को धर्म के मार्ग पर चलने को प्रेरित करती है। दुर्भाग्यवश मनुष्य इन्हीं को धर्म मानकर अपने पद व पथ से भ्रष्ट हो चुका है। आइए हम सब उस ईश्वर के विषय में जाने जिसका धर्म (कानून) सब पर समान रूप से लागू होता है। विशेष जानकारी के लिए हमसे जुड़ें।